Ismail Haniyeh की हत्या को (Iran) ने इस हमले को अपनी संप्रभुता पर हमला बताया है और कहा है कि उसे अपनी संप्रभुता की रक्षा करने का पूरा अधिकार है और हानिया(Ismail Haniya) के एक-एक बूंद खून का हिसाब लिया जाएगा। वह किसी भी समय इजरायल (Israel) पर हमला कर सकता है।
इजरायल ने अब तक हत्या की बात नहीं कबूली
अमेरिका नहीं मानता कि अभी बड़े पैमाने पर युद्ध फैलेगा लेकिन यह तो निश्चित है कि ईरान कोई न कोई बड़ा कदम उठाएगा। इजरायल ने भी कहा है कि यदि उस पर हमला होता है तो वह युद्ध के लिए तैयार है। इजरायल (Israel) ने अब तक हानिया की हत्या की बात नहीं कुबूली है, लेकिन उसके मंत्रियों ने इस पर खुशी जाहिर की है।
दिखाया अपनी मारक क्षमता
वास्तव में इजरायल(Israel) चाहता तो हानिया को कतर में ही निशाना बना सकता था लेकिन उसने ईरान की राजधानी तेहरान में और वह भी नये राष्ट्रपति के शपथग्रहण के समय और आइआरएफसी के गेस्ट हाउस में हमला करके ईरान को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह कहीं भी पहुंच सकता है। यह भी निश्चित है कि उसने यह कार्रवाई बहुत सटीक सूचना मिलने के बाद की है। समझा जाता है कि उसने हानिया के निजी सुरक्षा गार्ड को सोशल मीडिया पर ट्रैक किया और उसी से मिली सूचना का इस्तेमाल हमले में किया। यह ईरान की खुफिया एजेंसियों की विफलता है। मोसाद के डबल एजेंट के भी इसमें शामिल होने की बात सामने आई है। इजरायल ने इसके पहले भी ईरान के पारमाणविक संस्थानों पर हमला किया है और उसके विज्ञानियों की हत्या की है।
ईरान(Iran) युद्ध के लिए तैयार
ईरान(Iran) की जामकरण मस्जिद पर लाल झंडा लगा दिया गया है। यह एक तरह से युद्ध की घोषणा है, अर्थात ईरान हानिया (Ismail Haniya) की हत्या का बदला जरूर लेगा। अब वह कौन सा कदम उठाता है, यह देखना है। ईरान ने दावा किया था कि उसका एयरस्पेस अभेद्य है,लेकिन इजरायल की स्पाइक मिसाइल ने कैसे सटीक निशाने पर हमला किया,यह सोचने की बात है। पूरे ईरान में इस हत्या का विरोध हो रहा है और बदला लेने की मांग की जा रही है। पश्चिम एशिया में भविष्य में और खूनी संघर्ष होने की उम्मीद है।
इजरायल(Israel) ने खोले कई मोर्चे
एक बात तो तय है कि इजरायल(Israel) ने इस हमले से अपनी वायु ताकत और हमलावर क्षमता को दिखा दिया है। वह यह भी जानता है कि ऐसा करने के क्या नतीजे हो सकते हैं और उसे ईरान के हमले का भी सामना करना पड़ सकता है। उसने अपने चारों ओर मोर्चे खोल लिए हैं। गाजा में तो लड़ाई चल ही रही है। उसने 24 घंटे में तीन देशेां पर अपने शत्रुओं के ठिकानों पर हमला किया। उसने यमन में हुती ठिकाने पर बमबारी कर उसे तबाह कर दिया जो इजरायल से 24 सौ किमी दूर है। लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकाने पर हमला कर फौद शुकर को मारने का काम भी इसी तरह है। तेहरान भी 1900 किमी दूर है।
युद्ध का होगा व्यापक असर
इस नई स्थिति से पूरी दुनिया में यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि पश्चिम एशिया अब नये युद्ध की जमीन बन सकता है। यदि ऐसा होता है तो उसका असर पूरी दुनिया पर होगा और यह किसी के लिए भी ठीक नहीं होगा।
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