ITR Filling: आज आयकर रिटर्न दाखिल करने का आखिरी दिन

आईटीआर (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख आज है। फिलहाल इसकी तारीख बढ़ने की कोई उम्मीद नहीं है। जानें न्यू टैक्स रिजीम या पुरानी टैक्स रिजीम दोनों में कौन किस मामले में ज्यादा बेहतर है।

Written By : काव्या शर्मा | Updated on: July 31, 2024 12:21 am

ITR Filling: साल भर की अपनी आय का लेखा जोखा सरकार को देने का यानि आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने का आज 31 जुलाई आखिरी दिन है। आईटीआर एक फॉर्म है जिसे किसी भी व्यक्ति को भारत के आयकर विभाग को जमा करना होता है। इसमें व्यक्ति की आमदनी और उस पर साल भर में चुकाए जाने वाले टैक्स की जानकारी होती है।

आयकर विभाग ने साफ़ कहा है कि, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न की आखिरी तारीख (31 जुलाई 2024, बुधवार) से पहले सभी टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filling) करना होगा, अगर वह इस समय-सीमा के भीतर आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो उन्हें बाद में पेनल्टी का भुगतान करना होगा।

आयकर विभाग यह भी कहा कि “इस साल कोई समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी, टैक्सपेयर्स से जुर्माना या अंतिम समय की परेशानियों से बचने के लिए समय पर अपना रिटर्न दाखिल करने का अनुरोध किया जाता है 26 जुलाई तक पांच करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए हैं, जो पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।

कौन सा टैक्स रिजीम है सबसे अच्छा ? (ITR Filling)

वर्ष 2020 में बजट के साथ न्यू टैक्स रिजीम पेश किया गया था, इसका फार्म भरना सरल  है, जिसके तहत टैक्सपेयर्स कम टैक्स का भुगतान कर सकते हैं, लेकिन उन्हें अधिकतम कटौती और छूट से वंचित रहना पड़ता है । नई कर व्यवस्था में पुरानी व्यवस्था की तुलना में कर की दरें कम हैं, लेकिन तरह- तरह की पूंजी और खर्चों के कर लाभ समाप्त हो जाते हैं। न्यू टैक्स रिजीम उन टैक्सपेयर्स के लिए काफी लाभकारी है जो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत केवल कटौती का लाभ उठाना चाहते हैं। वहीं, होम लोन या होम रेंट अलाउंस (HRA) के सूद पर कटौती का लाभ उठाने वाले टैक्सपेयर्स के लिए पुरानी टैक्स रिजीम लाभदायक रहेगा। इसके अलावा अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुनते हैं तो आप 12 लाख रुपये तक की कमाई को टैक्स के दायरे की पहुंच से बचा सकते हैं।

ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख से न चूकें

31 जुलाई की आईटीआर दाखिल (ITR Filling) करने की आखिरी तारीख चूकने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं जैसे :-

  • ओल्ड टैक्स रिजीम के अंतर्गत मिलने वाले लाभों से वंचित होना
  • न्यू टैक्स रिजीम में खुद बदलाव, जिससे देय टैक्स में बहुत अधिक बढ़ोतरी हो सकती है।
  • देरी से दाखिल करने पर ₹ 5,000 का फीस (₹ 5 लाख से कम लाभ के लिए 1,000 रुपये ) देना होगा।
  • बकाया देय पर प्रति महीना 1 प्रतिशत देना होगा
  • घाटे को भविष्य की आमदनी के विरुद्ध क्षतिपूर्ति के लिए आगे नहीं बढ़ाया जाएगा

टैक्सपेयर्स को जुर्माने से बचने के लिए समय पर अपना रिटर्न तैयार कर दाखिल करने की सलाह दी जाती है।

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