भारत के दुश्मन एक-एक कर मारे जा रहे हैं। इसी कड़ी में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का कमांडर रज़ाउल्लाह निज़ामनी उर्फ अबू सैउल्ला की रविवार 18 मई को पाकिस्तान में गोली मार कर हत्या कर दी गई। ये LeT के शीर्ष कमांडरों में शामिल था। ये भारत के लिए राहत देने वाली खबर इस वजह से है क्योंकि ये भारत में कई बड़े आतंकवादी हमलों का मुख्य साजिशकर्ता था।
इसकी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वह कथित तौर पर पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों की सुरक्षा में मतली शहर में रह रहा था। बताया जा रहा है कि उसे स्थानीय चौराहे के पास दिनदहाड़े घात लगाकर तब गोलीमार दी गई जब ये टहल रहा था। इसकी हत्या करने वालों की पहचान नहीं हो पाई है। हत्या क्यों की गई ये भी पता नहीं चल पाया है। बताया जाता है कि वह नेपाल में रहकर भारत के खिलाफ आतंकी हमलों का संचालन करता था।
वर्ष 2006 में नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय पर हुए हमले का इसे मुख्य साजिशकर्ता माना जाता था। संघ मुख्यालय पर हमला करने वाले तीनों आतंकी मारे गए थे। इससे पहले जुलाई 2005 में बंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस (IISc) में हमला हुआ था जिसमें वहां के प्रोफेसर मुनीश चंद्रपुरी की मौत हो गई थी जबकि चार लोग घायल हुए थे।
जनवरी 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) कैंप पर हमले में सात जवान और एक नागरिक की मौत हुई थी। उस आतंकी वारदात का भी मास्टर माइंड अबू सैउल्ला को ही माना जाता है। वर्ष 2001 के दिसंबर में भारतीय संसद पर हुए हमले का भी इसे साजिशकर्ता बताया जाता है।
उनकी हत्या को आतंकवाद विरोधी प्रयासों में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है, क्योंकि वह लश्कर-ए-तैयबा का एक हाई-प्रोफाइल ऑपरेटिव था। हाल में पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारी एक-एक कर आतंकियों का सफाया कर रहे हैं। इसी साल मार्च में बंदूकधारियों ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी फैजल नदीम उर्फ अबु कताल सिंधी की हत्या कर दी। वह आतंकी सरगना हाफिज सईद का भतीजा था्। पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों के हाथों मा्रे जाने वाले आतंकियों में आईएसआई का अंडरकवर एजेंट मुफ्ती शाह मीर, लश्कर आतंकी मौलाना काशिफ अली, आतंकी सरगना मसूद अजहर का करीबी रहीम उल्लाह तारिक, ख्वाजा शाहिद जियाउर रहमान, लश्कर आतंकी अकरम गाजी, हिजबुल आतंकी बशीर अहमद पीर, जैश-ए-मोहम्मद आतंकी जहूर इब्राहिम सहित कई नाम शामिल हैं। गनीमत है इनके मारे जाने में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की भूमिका होने का किसी ने आरोप नहीं लगाया है।
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