आयोजकों की मानें तो पहली बार शहर द्वय में श्रीविद्या कोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ (Mahayajna) होने जा रहा है, जिसमें एक करोड़ मंत्रोच्चार के साथ एक टन कुमकुम से भगवती आद्यशक्ति राजराजेश्वरी ललिता त्रिपुरसुंदरी की राजोपचार महापूजा की जाएगी। वाराणसी के स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी जी महाराज के सान्निध्य में 11 से 13 अगस्त के बीच यह महायज्ञ होगा।
सिकंदराबाद स्थित स्कंदगिरि मठ का श्री सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर रहेगा अनुष्ठान स्थल
महायज्ञ (Mahayajna) के निमित्त हैदराबाद पहुंचे स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने बताया- देश की प्रगति, विश्व शांति और जनमानस के कल्याण के लिए 11 से 13 अगस्त तक भगवती आद्यशक्ति राजराजेश्वरी ललिता त्रिपुरसुंदरी श्री विद्या कोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ(Mahayajna), राजोपचार महापूजा का आयोजन होगा। स्वामी ने विस्तार से बताया कि अनुष्ठान में ललिता सहस्त्रनाम के साथ एक करोड़ बार कुमकुम से अर्चना किया जाएगा। साथ ही गाय के दूध से बनी खीर (पायस) की आहुतियां दी जाएंगी।
रोहित कुमार सिंह ने क्या बताया
महायज्ञ(Mahayajna) का बंदोबस्त संभाल रहे रोहित कुमार सिंह ने बताया कि मां ललिता त्रिपुर सुंदरी के अनुष्ठान में श्रीविद्या से दीक्षित विद्वान, संत-महात्मा यज्ञभूमि पर उपस्थित रहेंगे। अनुष्ठान में 1000 सुहागिन महिलायें भाग लेंगी। इनके साथ ही कुलपति, प्रोफेसर भी महायज्ञ में सम्मिलित होंगे। उन्होंने जानकारी दी कि इससे पहले इसी प्रकार के यज्ञ चेन्नई, कांचीपुरम, नई दिल्ली, वाराणसी, मुंबई, प्रयागराज, गुवाहाटी, कोलकाता, जयपुर में हो चुके हैं। हैदराबाद दसवां शहर है जो ऐसे दिव्य और भव्य वैदिक अनुष्ठान का गवाह बनने जा रहा है।
मां भगवती कुमकुमार्चन से प्रसन्न होती हैं- अभिषेक ब्रह्मचारी
स्वामी अभिषेक बह्मचारी महाराज ने बताया कि शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवती अर्चना करने से शुभ परिणामों का फल मिलता है। कुमकुम कान्तिदम दिव्यम कामिनीकामसंभवम.. अर्थात कुमकुम अनंत कांति प्रदान करने वाला पवित्र पदार्थ हैं, जो संपूर्ण कामनाओं को पूरा करने वाला और सुख- सौभाग्य प्रदायक है। इसलिए भगवती कुमकुम अर्चन से बहुत प्रसन्न होती हैं। ऐसी मां भगवती राजराजेश्वरी ललित त्रिपुरसुंदरी श्रीविद्या कोटि कुमकुम महायज्ञ में सहभागी बनकर श्रद्धालु मां भगवती की कृपा प्रसाद का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
ऐसा रहेगा कार्यक्रम
साधना ही श्रीविद्या मानी गई है, जिसके तहत सुबह 6 बजे से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। सबसे पहले पाठ होंगे। मंडप पूजन होगा, आरती के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
* सुबह 7 बजे से भगवती राजोपचार पूजन
* सुबह 8 बजे से कुमकुमार्चन पूजन
* शाम 7:15 बजे से संध्या आरती
* 13 अगस्त को पूर्णाहुति
ज्वलंत विषयों पर भी होगी चर्चाचर्चा
रोहित कुमार सिंह ने बताया अनुष्ठान के दौरान प्रत्येक दिन सायं काल में देश-दुनिया से जुड़े ज्वलंत एवं महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चाएं होंगी। आदिगुरु शंकराचार्य, स्वामी करपात्री महाराज, स्वामी निरंजनदेव तीर्थ, स्वामी सदानंद सरस्वती वेदांती महाराज सहित अन्य देवतुल्य संतो के जीवन- दर्शन एवं किए गए धार्मिक कार्यों पर विस्तार से चर्चा होगी।
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