दिल्ली की भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में फैलते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए एक साथ कई उपाय लागू करने का फैसला किया है। इनमें जनता पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाले उपायों में 15 साल से पुराने वाहनों को तेल नहीं देना शामिल है। सरकार सभी पेट्रोल पंपों पर ऐसी मशीन की लगाने की व्यवस्था करने जा रही है जिससे वह 15 साल से पुराने वाहनों की आसानी से पहचान कर ले और उसे पेट्रोल-डीजल नहीं दे। बताया जा रहा है कि पुराने वाहनों को तेल नहीं देने के लिए दिल्ली के 80 फीसद से अधिक पंपों पर ये मशीन लगाई जा चुकी है और शेष 20 फीसद पर 31 मार्च तक इसे लगा दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 10 साल पुराने डीजल वाहनों के दिल्ली में परिचालन पर पहले से ही रोक है। इस तरह के डीजल वाहनों को भी एक 31 मार्च के बाद पंपों पर डीजल नहीं मिलेगा। दिल्ली के परिवहन मंत्री मनंजिंदर सिंह सिरसा ने इस आशय का निर्देश अधिकारियों को दिया।
दिल्ली में कराएंगे कृत्रिम बारिश
दिल्ली में प्रदूषण कम करने के उपायों में सरकार कृत्रिम बारिश यानी क्लाउड सीडिंग कराने के बारे में भी विचार कर रही है। मंत्री सिरसा ने कहा कि प्रदूषण ज्यादा होने पर उसे कम करने के उपाय के रूप में इस पर भी काम करना शुरू करेंगे।
उल्लेखनीय है कि सरकार दिल्ली के बड़े-बड़े होटलों , अन्य व्यावसायिक इमारतों और निर्माण स्थलों पर महीन धूल कण के रूप फैलने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य करने का फैसला किया है। इसका मकसद हवा में मौजूद महीन कणों को कम करना है।
चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें
दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन के तहत चलने वाले 90 फीसदी बसों को इस साल के अंत तक हटाकर उसकी जगह इलेक्ट्रिक बसें चलाने का निर्णय लिया है. पर्यावरण मंत्री सिरसा के अनुसार प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी और पुराने वाहनों का नियम कड़ाई से लागू किया जाएगा ताकि प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके।
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