राजस्थान के बांसवाड़ा में निर्माणाधीन न्यूक्लियर पावर प्लांट (Mahi Nuclear Power Plant ) को लेकर शुक्रवार को ग्रामीण काफी नाराज़ हो गए। इसे लेकर पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़प भी हुई। प्लांट के लिए जमीन खाली कराने गई पुलिस पर यहां रह रहे लोगों ने पथराव कर दिया। इसके जवाब में पुलिस ने भी हाईवे जाम कर रही महिलाओं को खदेड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़े।
3 घंटे तक चली इस झड़प में 3 पुलिस अधिकारी और गांव के कुछ लोग घायल हो गए। पुलिस ने भारत आदिवासी पार्टी के एक नेता समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया। झड़प के बाद पुलिस ने ज़मीन को अपने कब्जे में ले लिया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में आकर पावर प्लांट के निर्माण का शिलान्यास करने वाले हैं।

बांसवाड़ा के छोटी सरवन में एक 2800 मेगावाट का Nuclear Power Plant लगना है। यहां बाउंड्री वॉल बनाकर इसकी जद में आ रहे लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। लोगों के विरोध को देखते हुए न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड(NPCIL) ने पुलिस से मदद मांगी थी। ग्रामीणों को हटाने के लिए बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ से पुलिस भेजी गई। ग्रामीण पहाड़ों की ओर भागे और पुलिस पर पत्थरबाजी की।
एक सिपाही के सिर में आई गंभीर चोट
शिलान्यास की तिथि नजदीक आने के कारण इन परिवारों को दूसरी जगह जाना पड़ा। हालांकि स्थानीय लोग तब तक नहीं जाना चाहते थे, जब तक उन्हें उनकी मांग पूरी न हो जाए।
शुक्रवार सुबह जमीन पर जब NPCIL ने बाउंड्री वॉल बनाना शुरू किया तो लोगों की भीड़ इक्कठा होने लगी। सुबह करीब 10 बजे बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच गए और उन्होंने नारेबाजी शुरू की। विरोध को बढ़ता देख पुलिस ने जब इन्हें हटाना शुरू किया तो लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव में सिर पर पत्थर लगने के कारण क्यूआरटी के जवान कल्पेश गरासिया घायल हो गए । उन्हें बांसवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है।
महिलाओं ने किया हाईवे जाम, BAP नेता समेत कई लोग हिरासत में
इस विरोध प्रदर्शन में स्थानीय महिलाओं ने नेशनल हाईवे (927-बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम) हाईवे को जाम कर दिया। पुलिस ने महिलाओं और लोगों को हटाने की कोशिश की। इस पर वहां भगदड़ मच गई और कुछ लोग पहाड़ी पर चढ़ गए और वहां से पथराव शुरू कर दिया। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने BAP नेता हेमंत राणा समेत कुछ लोगों को हिरासत में लिया है।
मांग पूरी होने से पहले शुरू हुआ विस्थापन, भड़के ग्रामीण
ग्रामीणों की मांगों को पूरा करने से पहले ही उनके विस्थापन की प्रक्रिया शुरू हो गई, इसीलिए ग्रामीण गुस्से में हैं । उनका कहना है कि जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक शिफ्ट नहीं होंगे।
6 गांवों के 3 हजार लोगों को किया जाना है शिफ्ट
परमाणु बिजली घर का निर्माण कार्य शुरू होने से पहले इस क्षेत्र में आने वाले 6 गांवों बारी, सजवानिया, रेल, खड़िया देव, आडीभीत और कटुम्बी में रहने वाले करीब 3 हजार लोगों को विस्थापित किया जाना है। इन परिवारों को सरकार द्वारा 415 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है। इसके बदले में 553 हेक्टेयर जमीन ले ली गई है। इन गांवों से विस्थापित होने वाले लोगों के लिए पास के खड़िया देव में 60 हेक्टेयर जमीन मकान बनाने के लिए ढूंढी गई है।
लोकसभा चुनाव का किया था बहिष्कार
पिछले महीने 18 जुलाई को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पर हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए आदिवासियों ने सभा कर कई मुद्दे उठाए थे। इसमें भी उन्होंने छोटी सरवन में प्रस्तावित न्यूक्लियर पावर प्लांट को निरस्त करने की मांग की थी। इसी मांग को लेकर लोकसभा चुनाव का भी ग्रामीणों ने बहिष्कार किया था।
ये भी पढ़ें: Kedarnath के रास्तें में फंसे 5 हजार यात्री, बादल फटने और बारिश से 16 मरे