उधमपुर में उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में उग्रवाद का स्तर तेजी से बढ़ा है। इसके लिए बीजेपी(BJP) को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की असफलता की ओर इशारा करते हुए कहा कि बीजेपी(BJP) को अपनी विफलताओं को स्वीकार करना चाहिए।
उग्रवाद में बढ़ोतरी पर सवाल:
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा, “आज जम्मू में उग्रवाद अपने चरम पर है। हमारे बहादुर सैनिकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। बीजेपी(BJP) को यह बताना चाहिए कि 2014 के बाद जम्मू में उग्रवाद क्यों फैला और पिछले तीन सालों में इसका ग्राफ़ अचानक क्यों बढ़ा। यह उनकी नाकामी है और उन्हें इसे स्वीकार कर लोगों से माफी मांगनी चाहिए।” उन्होंने इस पर जोर दिया कि उग्रवाद के फैलने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, क्योंकि सुरक्षा नीतियों में विफलता के कारण ही इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं।
बीजेपी पर तीन परिवारों को दोषी ठहराने का आरोप:
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने बीजेपी पर तीन प्रमुख राजनीतिक परिवारों—गांधी, मुफ्ती और अब्दुल्ला को उग्रवाद के लिए दोषी ठहराने पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जब वे (BJP) जम्मू-कश्मीर (Jammu- Kashmir) में होते हैं, तो तीन परिवारों को उग्रवाद के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन जब बाहर होते हैं तो पाकिस्तान को ज़िम्मेदार बताते हैं। अगर हम इसके लिए ज़िम्मेदार हैं, तो फिर पाकिस्तान से बात क्यों नहीं करते ? इसमें बीजेपी का रुख विरोधाभासी है।” उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा कि बीजेपी को अपने बयानों में स्पष्टता लानी चाहिए और विरोधाभासी बातों से बचना चाहिए।
विधानसभा चुनावों की स्थिति:
जम्मू-कश्मीर में 90 सदस्यीय विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha election) तीन चरणों में हो रहे हैं। पहले दो चरणों का मतदान 18 और 25 सितंबर को हो चुका है, जबकि तीसरे और अंतिम चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा। चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। यह चुनाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि ये अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य में पहली बार हो रहे हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन:
इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने एक प्री-पोल गठबंधन किया है, जो बीजेपी और अन्य स्वतंत्र उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी मैदान में है। जम्मू-कश्मीर के इस विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha election) में कई अन्य राजनीतिक दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन के मुकाबले बीजेपी ने भी अपनी स्थिति मजबूत करने की पूरी कोशिश की है।
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