अंतिम चरण के चुनाव से पहले राष्ट्रीय एकता का संदेश देने की कोशिश !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर काम का कोई न कोई मतलब होता है। भारतीय राजनीति में संकेतों के जरिए चीजों को साधने का काम लंबे अर्से चला आ रहा है। अंतिम चरण के मतदान से पहले पीएम मोदी का कन्याकुमारी का दौरा देश में कड़वाहट भरे चुनावी प्रचार के बाद राष्ट्रीय एकता का संदेश देने की कोशिश हो सकती है। खबरों के मुताबिक पीएम मोदी लोकसभा चुनाव के समापन के बाद 30 मई की शाम कन्याकुमारी पहुंचेंगे। इसके बाद वह विवेकानंद रॉक मेमोरियल जा सकते हैं. 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक पीएम मोदी ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे. बता दे इसी स्थान पर स्वामी विवेकानंद ने भी ध्यान किया था। कन्याकुमारी वही स्थान है, जहां भारत की पूर्वी और पश्चिमी तट की रेखाएं मिलती हैं. यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत देना चाहते हैं.
विवेकानंद के जरिए बंगाल की बची 9 सीटों को साधने की कोशिश !
कन्याकुमारी में विवेकानंद मेमोरियल रॉक पर साधना कर पीएम मोदी बंगाल में अंतिम चरण की बची 9 सीटों को साधने की कोशिश कर सकते हैं.बंगाल से विवेकानंद का क्या नाता है यह सभी लोग जानते हैं. लोकसभा चुनाव के लगभग सभी चरणों में बंगाल में बंपर मतदान हुआ है. 42 सीट वाली बंगाल लोकसभा सीटों पर इस बार बीजेपी को पिछली चुनाव की तुलना में ज्यादा सीटों की उम्मीद है. विवेकानंद मेमोरियल रॉक पर पीएम मोदी की साधना का असर बंगाल में एक जून को अंतिम चरण के मतदान पर जरूर पड़ेगा. बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी पूरी तरह से रविंद्रनाथ टैगोर के हावभाव में थे. जिसका फायदा बीजेपी को बंगाल में हुआ और पार्टी वहां सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी.
अंतिम चरण में 57 सीटों पर मतदान
एक जून को सातवें और अंतिम चरण में 57 सीटों पर मतदान होना है. उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, ओडिशा, झारखंड, चंडीगढ़, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में वोट डाले जाएंगे.