Rajasthan Politics: बेटे के ‘मोह’ में फंसे गहलोत! 56 चुनावी दौरों में से 21 जालोर में, पायलट ने प्रचार से फेरा मुंह

Lok Sabha Election 2024: राजस्थान की 25 में से 22 लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार सभाएँ करने के बाद भी अशोक गहलोत मुसीबत में फँसते हुए नज़र आ रहे हैं. आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला

पूर्व सीएम अशोक गहलोत, वैभव गहलोत और सचिन पाायलट
Written By : अन्नू सिंघल | Updated on: May 6, 2024 7:59 am

Rajasthan News : राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर दो चरणों में हुई वोटिंग (Rajasthan Lok Sabha Election 20024 Voting) समाप्त होने के बाद अब नेता के दौरों को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. इनमें सबसे ऊपर नाम राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का है, जिनके पास बतौर कांग्रेस कैंपेन कमिटी चेयरमैन सबसे बड़ी जिम्मेदारी थी. लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस का स्टार प्रचारक (Congress Star Campaigner) होने के नाते उन्होंने राज्य में कुल 53 चुनावी दौरे किए हैं. हालांकि यही आंकड़ा अब पूर्व सीएम के लिए एक ‘सियासी संकट’ बनता प्रतीत हो रहा है.

बेटे वैभव की सीट पर सबसे ज्यादा दौरे

26 मार्च से 24 अप्रैल के बीच गहलोत ने 53 चुनावी दौरे करते हुए राजस्थान की 22 लोकसभा सीट को कवर किया. लेकिन इन 56 दौरों में सबसे अधिक 21 चुनावी दौरे उन्होंने जालोर-सिरोही लोकसभा सीट (Jalore Lok Sabha Constituency) के लिए किए हैं. इस संसदीय सीट से पूर्व सीएम के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. 2019 में कांग्रेस ने वैभव को जोधपुर लोकसभा सीट (Jodhpur Lok Sabha Seat) से टिकट दिया था, जहां बीजेपी के तत्कालीन उम्मीदवार गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhwat) ने उन्हें रिकॉर्ड वोटों से हराया था. मगर इस बार कांग्रेस ने वैभव पर दोबारा भरोसा जताया और जालोर से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया. ऐसे में बेटे की जीत सुनिश्चित करने के लिए गहलोत खुद डेट रहे और उन्होंने सबसे ज्यादा इसी सीट के लिए प्रचार किया. बेटे के मोह में गहलोत ने गुजरात तक का सफर तय किया. हालांकि अब यही उन पर सवाल भी खड़े कर रहा है.

3 लोकसभा सीट पर प्रचार को किया अवॉइड

अशोक गहलोत ने राजस्थान में अपने चुनावी दौरे की शुरुआत बाबा खाटूश्याम की नगरी सीकर से की थी. इसके बाद गहलोत ने चूरू, बीकानेर, उदयपुर, जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, झालावाड़, दौसा, नागौर, करौली-धौलपुर, अलवर, टोंक-सवाईमाधोपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, जयपुर, पाली, श्रीगंगानगर और झुंझुनूं लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया और वहां जनसभाएं कीं. इस दौरान 3 लोकसभा सीटें ऐसे भी रहीं जिन पर प्रचार से गहलोत ने परहेज किया. खासतौर पर जयपुर ग्रामीण में गहलोत प्रचार करने नहीं गए.

वैभव के लिए प्रचार करने नहीं आए पायलट

लोक सभा चुनाव के प्रचार के दौरान सचिन पायलट ने ख़ुद कहा था कि वे अशोक गहलोत के साथ पहले दिनों में हुए विवाद को भूलकर आगे बढ़ चुके हैं. राजस्थान कांग्रेस में अब सब कुछ ठीक है, और सब मिलकर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार करने वाले हैं. पायलट ने कहा था कि वे अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के लिए प्रचार करने के लिए जाएँगे. मगर जानता इंतज़ार करती रही, और लोकसभा चुनाव संपन्न हो गये, लेकिन पायलट वैभव के लिए प्रचार करते नहीं दिखे. 26 अप्रैल को राजस्थान में दूसरे और आख़िरी चरण की वोटिंग पूरी होने के बाद जब सचिन पायलट से उनके ना आने की वजह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘वैभव ने प्रचार के लिए मुझे बुलाया ही नहीं, तो मैं कैसे जाता.’ पायलट के इस बयान ने राजस्थान की सियासत में खलबली मचा दी, मगर अशोक गहलोत या उनके परिवार के किसी सदस्य की तरफ़ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. अब सभी को 4 जून का इंतज़ार है जब वोटों की गिनती शुरू होगी.

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