अमेरिका तिब्बत में दमन का विरोधी
अमेरिकी संसद में एक्ट से संबंधित बिल पर बोलते हुए संसद में विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकेल मैकॉल ( Michael McCaul ) ने कहा कि अमेरिका तिब्बत में किसी तरह के दमन और उसे अलग करने का विरोधी है। यह ( Resolve Tibet Act) बिल तिब्बत के लोगों को अपने भाग्य का निर्णय खुद करने का अधिकार देता है।बिल ( Resolve Tibet Act) को तैयार करने वाले सदस्य जिम मैकगवर्न ( Jim Mac govern) ने कहा कि इस बिल से तिब्बत और चीन के बीच वार्ता का माहौल तैयार होगा।
दुनिया को गलत संदेश न दें: चीन
माइकेल मैकॉल ( Michael McCaul ) के नेतृत्व में सात सदस्यीय संसदीय दल कल मंगलवार को धर्मशाला पहुंचा। धर्मशाला ( Dharmshala) के गगल हवाईअड्डे पर तिब्बती समुदाय ने उनका स्वागत किया। इस दल में संसद की प्रतिनिधि सभा की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी ( Nancy Pelosi) भी हैं। उन्होंने तिब्बत की निर्वासित सरकार की संसद को संबोधित किया और तिब्बत की आजादी का समर्थन किया। इससे चीन बौखला गया है। उसने कहा कि अमेरिका दुनिया को गलत संदेश भेजना बंद करे।
दलाई लामा राजनीतिक व्यक्ति : चीन
भारत आए इस अमेरिकी दल का बुधवार को व्यस्त कार्यक्रम है। वह दलाई लामा ( Dalai Lama) से भी मिलेगा। दलाई लामा इलाज के लिए 20 जून को अमेरिका जा रहे हैं। दल उनके अमेरिका जाने से पहले उनसे मिलना चाहता है। इसका उद्देश्य आपसी संबंधों को मजबूत करना है। चीन की इस यात्रा पर पूरी नजर है। उसके दिल्ली स्थित दूतावास ने बयान जारी कर अमेरिकी दल की यात्रा और संसद में पास हुए बिल पर विरोध व्यक्त किया है। दूतावास ने कहा है कि अमेरिका को दलाई लामा समूह की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति को समझना चाहिए और तिब्बत को लेकर अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहिए। तिब्बत का हर मामला चीन का घरेलू मामला है।( तिब्बत को चीनी भाषा में शिजांग कहते हैं। ) चीन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास से जुड़े हितों में किसी बाहरी दखल की अनुमति नहीं देगा। शिजांग की स्वतंत्रता के अभियान को अमेरिका को समर्थन नहीं देना चाहिए।