कलाधर मंडल पर जदयू ने जताया भरोसा
बीमा भारती (Bima Bharati) के जदयू छोड़ने के बाद पार्टी इस बार यहां कलाधर मंडल पर दांव लगायी है। वे साफ सुथरे छवि वाले नेता हैं। उनकी सज्जनता ही उनकी पहचान है। एनडीए के परंपरागत वोट पर उनको भरोसा है।
इंडिया व एनडीए के प्रत्याशी एक ही जाति से
इंडिया और एनडीए के प्रत्याशी एक ही जाति से आते हैं। बीमा भारती (Bima Bharati) और कलाधर मंडल गंगोता जाति से आते हैं। हालांकि बीमा भारती के पति अवधेश मंडल को ही गंगोता अपना सरदार मानते हैं। उनकी छवि जुझारू और दबंग रही है। फिर भी गंगोता में कलाधर मंडल की पैठ भी कम नहीं है। लिहाजा Rupauli Assembly seat पर चुनाव में गंगोता जाति के मतों में बिखराव दिखाई दे सकता है।
शंकर सिंह लड़ाई को बना रहे त्रिकोणीय
लोजपा- आर को छोड़ शंकर सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। हर मौके पर वहां के मतदाताओं के वे साथ रहे हैं। उनकी पत्नी जिला पार्षद भी हैं। मुस्लिम मतदाताओं में भी उनकी पैठ है। आमने सामने की लड़ाई को वे त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं।
पप्पू यादव का रुख साफ नहीं
रूपौली विधान सभा सीट (Rupauli Assembly seat) पूर्णिया लोकसभा में ही आती है। पप्पू यादव पूर्णिया के अब सांसद बन चुके हैं। अपनी पार्टी का वे कांग्रेस में विलय पहले ही कर चुके हैं। हालांकि चुनाव जीतने के बाद भी कांग्रेस में उनकी इंट्री नहीं हो पाई है। कांग्रेस ने उन्हें टिकट से भी वंचित कर दिया था। इसी वजह से उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा। दरअसल कांग्रेस में उनकी न होने के पीछे लालू प्रसाद का हाथ बताया जा रहा है। राजद को डर है कि अगर पप्पू यादव का उदय होगा तो वे तेजस्वी प्रसाद यादव के लिए खतरा बन सकते हैं। पप्पू यादव बीमा भारती को जीत दिलाने के लिए लालू प्रसाद उनसे कहें लेकिन उन्हें भाव नहीं मिल रहा है। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने हालांकि यह अपील की है । दबाव बनाने के लिए पप्पू यादव ने एक बयान दिया है कि रूपौली के मतदाता साफ छवि वाले को चुने। साफ छवि का मतलब कलाधर मंडल की ओर इशारा हो सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि पांच जुलाई के बाद वे फैसला करेंगे कि किसको समर्थन देना है।
सीमांचल को प्रभावित करेगा नतीजा
यूं तो जो Rupauli Assembly seat से विधायक बनेगा उसका कार्यकाल मात्र 15-16 माह ही रहेगा लेकिन यहां का नतीजा पूरे सीमांचल को प्रभावित करेगा। इसीलिए नीतीश कुमार सहित दोनों गठबंधनों के नेता यहां प्रचार के लिए पहुंचने वाले हैं।
Nitish Kumar की राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजनीति गरमाई