बूथ संख्या 75,76 पर बवाल
Rupouli By-election में बुधवार को मतदान के दौरान बूथ संख्या 75 और 76 पर काफी बवाल हुआ। एक पुलिस अधिकारी का सिर भी फट गया। पुलिस को हल्का लाठी का प्रयोग करना पड़ा। हालांकि इसके बावजूद रूपौली में 51.14 फीसद मतदान हुआ।
कांटे की टक्कर में त्रिकोणीय मुकाबला
रूपौली में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह, एनडीए की प्रत्याशी कलाधर मंडल और इंडिया की प्रत्याशी बीमा भारती की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। कौन जीतेगा, कौन हारेगा यह कहना बहुत मुश्किल है। हालांकि यहां पर जो नतीजा आएगा वह परदे के पीछे हुए खेल की वजह से ही आएगा। कलाधर मंडल को जदयू ने टिकट दिया है और उनके पक्ष में मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री प्रचार के लिए गए थे। उन्होंने आज अपनी जीत का दावा भी किया। कलाकार मंडल को माय समीकरण में हुए बिखराव का भी फायदा मिल सकता है। लिहाजा उनका दावा 13 जुलाई को हकीकत भी बन सकता है।
सत्तारूढ़ दल पर लगा आरोप
उधर बीमा भारती और शंकर सिंह की पत्नी प्रतिमा सिंह ने आज मतदान के दौरान सत्तारूढ दल पर आरोप भी मढ़े। उनका कहना था कि Rupouli By-election में मतदाताओं को परेशान किया जा रहा है। इसके बावजूद बीमा भारती ने अपनी जीत का दावा भी किया। चुनाव में शंकर सिंह निर्दलीय प्रत्याशी हैं।
शंकर सिंह के पीछे दो चेहरे
निर्दलीय शंकर सिंह को भी कम कर नहीं आंका जा सकता। उनके पीछे दो चेहरे खड़े हैं। पहला चेहरा पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव का है तो दूसरा प्रशांत किशोर का है। पीके ने शंकर सिंह को अपना मौन समर्थन दिया है। वह इस इलाके में ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार सहित अन्य जातियों के बीच लंबे समय से कम कर रहे हैं। दूसरा चेहरा पप्पू यादव का है। पप्पू अंतिम समय में बीमा को समर्थन तो दिए लेकिन उनके साथ कहीं प्रचार में नहीं गये। इसके पहले वे शंकर सिंह को समर्थन दे चुके थे। कहना न होगा कि पहले से ही वह चाहते थे कि Rupouli By-election में शंकर सिंह रूपौली के विधायक बनें। इसलिए शंकर सिंह की स्थिति भी मजबूत बताई जा रही है। कुल मिलाकर यहां त्रिकोणीय संघर्ष में सब एक दूसरे को कांटे की टक्कर दे रहे हैं। शंकर सिंह के साथ राजपूत मतदाता तो हैं ही अल्पसंख्यक मतदाता भी उनको सपोर्ट करते हैं। पिछले चुनाव में उनको यहां से करीब 44000 मत मिले थे। लिहाजा शंकर सिंह को भी कम कर नहीं आंका जा सकता। कुछ राजनीतिक पंडितों का यह भी कहना है कि लड़ाई एनडीए और शंकर सिंह के बीच ही है।
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