तमिलनाडु सरकार ने ₹ प्रतीक बदला, डिज़ाइनर उदय कुमार की प्रतिक्रिया आई सामने

तमिलनाडु सरकार द्वारा रुपये के प्रतीक (₹) की जगह तमिल अक्षर "Ru" के इस्तेमाल पर विवाद छिड़ गया है। भाजपा ने इसे भाषा विवाद भड़काने की कोशिश बताया।

Written By : MD TANZEEM EQBAL | Updated on: March 14, 2025 2:50 pm

चेन्नई: तमिलनाडु सरकार द्वारा राज्य बजट के प्रचार सामग्री में भारतीय रुपये के आधिकारिक प्रतीक (₹) की जगह तमिल अक्षर “Ru” का उपयोग करने को लेकर विवाद गहरा गया है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए रुपये के प्रतीक के डिजाइनर डी. उदय कुमार ने कहा कि वह अपने डिज़ाइन पर गर्व महसूस करते हैं, लेकिन सरकार के इस फैसले को असम्मान के रूप में नहीं देखते।

हर डिज़ाइन को सराहा नहीं जाता” – उदय कुमार

उदय कुमार ने NDTV से बातचीत में कहा,
हर डिज़ाइन सफल नहीं होता या उसे सभी सराहना नहीं देते। एक डिज़ाइनर को आलोचनाओं को सकारात्मक रूप में लेना चाहिए और सीखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। मैं इसे (तमिलनाडु सरकार के फैसले को) अपनी कृति का अपमान नहीं मानता।”

उन्होंने कहा कि 2009 में जब उन्होंने यह डिज़ाइन तैयार किया, तब उनका मकसद बस एक ऐसा प्रतीक बनाना था जो सरल हो और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने रुपये के प्रतीक में देवनागरी और रोमन ‘R’ को मिलाकर एक यूनिवर्सल डिज़ाइन तैयार किया था, जो 2010 में आधिकारिक तौर पर अपनाया गया।

राजनीतिक घमासान: BJP vs DMK

तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई ने DMK सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि “DMK को यह भी समझ में नहीं आया कि रुपये का प्रतीक एक तमिलियन द्वारा डिज़ाइन किया गया था।” उन्होंने DMK को “मूर्ख” करार देते हुए कहा कि उदय कुमार खुद DMK के पूर्व विधायक के बेटे हैं।

वहीं, DMK सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि वे रुपये के आधिकारिक प्रतीक के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि तमिल भाषा को बढ़ावा देने के लिए इस प्रतीक को अपनाया गया है।

भाषाई विवाद को हवा देने की कोशिश” – केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया

इस विवाद पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि DMK सरकार का यह कदम “क्षेत्रीय गर्व के नाम पर अलगाववादी मानसिकता को बढ़ावा” देने जैसा है।

उन्होंने सवाल उठाया कि अगर DMK को रुपये के प्रतीक से समस्या थी, तो उसने 2010 में ही आपत्ति क्यों नहीं जताई? उन्होंने इसे भाषा और क्षेत्रीय संकीर्णता का एक अनावश्यक उदाहरण” बताया।

क्या यह “हिंदी थोपने” के खिलाफ DMK की रणनीति है?

यह विवाद ऐसे समय में आया है जब तमिलनाडु सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के खिलाफ केंद्र से टकराव कर रही है। DMK का आरोप है कि नई शिक्षा नीति हिंदी थोपने का प्रयास है, जिससे तमिल भाषा और संस्कृति को नुकसान होगा।

DMK सरकार का कहना है कि तमिल भाषा की अनदेखी के खिलाफ यह एक सांकेतिक कदम है। लेकिन भाजपा इसे DMK द्वारा भाषाई जंग” भड़काने की चाल मान रही है।

क्या रुपये के प्रतीक में बदलाव संभव है?

रुपये का आधिकारिक प्रतीक (₹) 2010 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अपनाया गया था और यह राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त चिह्न है। इस प्रतीक का उपयोग भारत सरकार, बैंकिंग प्रणाली, और वैश्विक वित्तीय लेन-देन में किया जाता है। ऐसे में, तमिलनाडु सरकार का इसे प्रचार सामग्री में बदलना तकनीकी रूप से संभव तो है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रतीक को हटाने की कोई कानूनी प्रक्रिया फिलहाल नहीं है।

तमिलनाडु सरकार का यह कदम DMK और भाजपा के बीच भाषा और क्षेत्रीय पहचान को लेकर बढ़ती खींचतान को दिखाता है। हालांकि, डिजाइनर डी. उदय कुमार इसे विवाद का मुद्दा नहीं मानते, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों के बीच यह एक बड़ा राजनीतिक मामला बन गया है। अब देखना होगा कि क्या यह विवाद सिर्फ प्रचार सामग्री तक सीमित रहता है, या फिर इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर भी देखने को मिलेगा।

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