यहाँ चतुर्थ भाव में आने वाली विभिन्न राशियों और ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभाव दिए गए हैं:
1. मेष राशि (Aries)
शुभ: सक्रिय, साहसी, घरेलू जीवन में ऊर्जा और नेतृत्व, प्रॉपर्टी के मामलों में फायदा।
अशुभ: अस्थिरता, घरेलू तनाव, माता से मतभेद।
2. वृषभ राशि (Taurus)
शुभ: सुख-संपत्ति में वृद्धि, सुंदर घर, संगीत या कला में रुचि।
अशुभ: भौतिक सुखों में अति लिप्तता, आलस्य।
3. मिथुन राशि (Gemini)
शुभ: शिक्षित वातावरण, घर में संवाद का अच्छा वातावरण, शिक्षा में रुचि।
अशुभ: घरेलू वातावरण में अस्थिरता, दोहरेपन के कारण रिश्तों में उलझन।
4. कर्क राशि (Cancer)
स्वाभाविक राशि चतुर्थ भाव की
शुभ: माता का सहयोग, भावनात्मक गहराई, स्थायी संपत्ति में वृद्धि।
अशुभ: अधिक भावुकता के कारण मानसिक तनाव।
5. सिंह राशि (Leo)
शुभ: घर में राजसी ठाट, नेतृत्व का गुण, माता प्रभावशाली।
अशुभ: अहंकार या अधिकार की टकराहट से घरेलू अशांति।
6. कन्या राशि (Virgo)
शुभ: व्यवस्थित जीवन, शिक्षा में दक्षता, प्रॉपर्टी के मामलों में सूझबूझ।
अशुभ: अत्यधिक चिंता या आलोचना का माहौल।
7. तुला राशि (Libra)
शुभ: सौंदर्य प्रिय वातावरण, कला या डिज़ाइन से जुड़ा घर, संतुलित पारिवारिक जीवन।
अशुभ: निर्णय लेने में झिझक, घर में संतुलन बनाए रखना चुनौती।
8. वृश्चिक राशि (Scorpio)
शुभ: गुप्त धन या संपत्ति, गहरी समझ।
अशुभ: गुप्त तनाव, घरेलू जीवन में रहस्य या टकराव।
9. धनु राशि (Sagittarius)
शुभ: धार्मिक वातावरण, उच्च शिक्षा में रुचि, घर में गुरु तुल्य व्यक्ति।
अशुभ: घर से दूरी, प्रवास की संभावना।
10. मकर राशि (Capricorn)
शुभ: अनुशासन, परिश्रम से घर बनाना, माता गंभीर और व्यावहारिक।
अशुभ: भावना की कमी, कठोर माहौल।
11. कुंभ राशि (Aquarius)
शुभ: आधुनिक विचार, घर में तकनीकी या वैचारिक उन्नति।
अशुभ: अलगाव की भावना, परिवार में भावनात्मक दूरी।
12. मीन राशि (Pisces)
शुभ: आध्यात्मिक वातावरण, माता धार्मिक, गहन संवेदनशीलता।
अशुभ: अत्यधिक कल्पनाशीलता, वास्तविकता से दूरी।
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1. सूर्य (Sun)
शुभ: माता का सम्मान, सरकारी संपत्ति या ऊँचा पद, घर में प्रभावशाली वातावरण।
अशुभ: माता से दूरी या तनाव, मन की शांति में कमी, घर में अहं का टकराव।
2. चंद्रमा (Moon)
शुभ: माता से प्रेम, भावनात्मक संतुलन, घर में शांति और सुख, वाहन या संपत्ति में लाभ।
अशुभ: अत्यधिक भावुकता, मन की चंचलता, माता से जुड़ी चिंता।
3. मंगल (Mars)
शुभ: भूमि या प्रॉपर्टी से लाभ, घर बनाने की शक्ति, साहसी माता।
अशुभ: भूमि विवाद, माता से झगड़े, घरेलू कलह (विशेषतः अगर मंगल अशुभ हो तो यह कुंडली दोष जैसे चतुर्थ भाव का मंगलीक योग बना सकता है)।
4. बुध (Mercury)
शुभ: शिक्षा में सफलता, बुद्धिमान माता, घर में संवाद अच्छा।
अशुभ: घर में द्वैत या अस्थिरता, माता से मतभेद, मानसिक भ्रम।
5. बृहस्पति (Jupiter)
शुभ: धर्मिक वातावरण, विद्या और सुख में वृद्धि, माता से स्नेह, स्थायी संपत्ति।
अशुभ: आलस्य, अत्यधिक आदर्शवाद, माता की सेहत में उतार-चढ़ाव।
6. शुक्र (Venus)
शुभ: सुंदर और सुसज्जित घर, भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि, वाहन लाभ।
अशुभ: विलासिता में अधिक रुझान, घर में खर्च या ऐश्वर्य का दिखावा, माता की सेहत में कमी।
7. शनि (Saturn)
शुभ: स्थायी प्रॉपर्टी, मेहनत से घर बनाने की क्षमता, अनुशासित पारिवारिक जीवन।
अशुभ: माता को कष्ट, घर में ठंडापन, मन में अवसाद, भावनात्मक दूरी।
8. राहु (Rahu)
शुभ: आधुनिक और तकनीकी चीज़ों से लाभ, विदेशी संपत्ति, रहस्यमय शक्ति।
अशुभ: मातृसुख में बाधा, घर में अचानक तनाव या दुर्घटनाएँ, भ्रम या धोखा।
9. केतु (Ketu)
शुभ: आध्यात्मिकता, त्याग की भावना, शांत वातावरण।
अशुभ: माता से दूरी, घर में मानसिक अशांति, भटकाव, अप्रत्याशित घटनाएं।
(नीतेश तिवारी, एमसीए, एमएचए हैं और ज्योतिष शास्त्र के अच्छे जानकार हैं.)
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