अब इस काम को सेलेबी एविएशन से छीन लिया गया है और इसकी सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है। सेलेबी एविएशन कंपनी जमीन पर विमान संचालन और कार्गो सेवाएं दे रही है। भारतीय विमानन सुरक्षा ब्यूरो ने इस कंपनी का सिक्योरिटी क्लीयरेंस रद्द कर दिया है। मीडिया की खबरों में बताया जा रहा है कि ये कंपनी तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान की बेटी की है। तत्काल प्रभाव से इसका लाइसेंस रद्द करने पर कंपनी की ओर से सफाई पेश की गई है। कंपनी ने कहा है कि इस कंपनी का तुर्की के राष्ट्रपति से कोई लेना देना नहीं है। कंपनी के 65 फीसदी शेयर कनाडा, अमेकिका, ब्रिटेन और पश्चिमी देशों के निवेशकों के पास है जबकि 35 फीसद शेयर ही तुर्की के परिवार Celebioglu के जॉन और कैनन Celebioglu के पास है।
कंपनी ने अपने बचाव में कहा है कि इन दोनों का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। कंपनी की ओर से ये भी कहा गया है कि पिछले 15 सालों के भारत में ये काम कर रही है। इस बीच वह 22 करोड़ डॉलर से ज्यादा भारत में निवेश कर चुकी है और 10 हजार भारतीयों को रोजगार दी है। कंपनी का ये भी कहना है कि वह पूरी तरह से भारतीय कानूनों का पालन करती है।
इस बीच तुर्की के खिलाफ भारतीय नागरिकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) और कानपुर स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी (CSJMU)ने तुर्किये के यूनिवर्सिटीज के साथ हुए अकादमिक समझौतों को स्थगित कर कर दिया है। यही हाल पर्यटन उद्योग का भी है। तुर्की जाने वाले भारतीय पर्यटक तेजी से अपना टिकट रद्द करा रहे हैं। इसी तरह भारतीय व्यापारी भी तुर्की से सामान आयात नहीं कर रहे हैं। भारत से दुश्मनी तुर्की को आर्थिक रूप से तोड़ रही है।
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