पंजाब में जन्मे धर्मेंद्र ने 1960 के दशक में अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की थी। महज़ कुछ वर्षों में ही उन्होंने अपने दमदार व्यक्तित्व, आकर्षक अंदाज़ और भावपूर्ण अभिनय के बल पर बॉलीवुड में एक मजबूत जगह बना ली। 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय करते हुए उन्होंने रोमांस, एक्शन और कॉमेडी—हर शैली में अपनी अलग पहचान बनाई। ‘शोले’, ‘चुपके-चुपके’, ‘अनुपमा’, ‘सीता और गीता’, ‘धरम वीर’, ‘कटी पतंग’ जैसी अनगिनत फिल्मों में उनके अभिनय को आज भी क्लासिक माना जाता है।
उनकी लोकप्रियता सिर्फ पर्दे तक सीमित नहीं थी। धर्मेंद्र अपने विनम्र स्वभाव, सहज व्यवहार और जिंदादिली के कारण दर्शकों और साथियों—दोनों के बीच बेहद प्रिय थे। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कई सम्मान मिले, जिनमें भारत सरकार द्वारा दिया गया प्रतिष्ठित पद्म भूषण भी शामिल है।
धर्मेंद्र के निजी जीवन की बात करें तो वे दो बार विवाह बंधन में बंधे—पहले प्रकाश कौर से और बाद में अभिनेत्री हेमा मालिनी से। उनके छह बच्चे हैं, जिनमें अभिनेता सनी देओल और बॉबी देओल, तथा अभिनेत्री ईशा देओल प्रमुख हैं। परिवार ने सभी प्रशंसकों से इस दुख की घड़ी में शांति और प्रार्थना की अपील की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “धर्मेंद्र का जाना भारतीय सिनेमा के एक सुनहरे युग का अंत है।” फिल्म जगत के दिग्गजों ने भी सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि धर्मेंद्र जैसी शख्सियतें विरले ही जन्म लेती हैं। धर्मेंद्र की शानदार फ़िल्में, उनका सादगीपूर्ण व्यक्तित्व और दर्शकों के साथ उनका अपार जुड़ाव हमेशा याद रहेगा। भारतीय सिनेमा में उनका योगदान आने वाली कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। आज बॉलीवुड ने अपना एक चमकता सितारा खो दिया है, जिसकी रोशनी लंबे समय तक लोगों के दिलों में बनी रहेगी।
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