Rohini Acharya बोलीं- सिर भी मुड़वाया, पगड़ी भी उतारी, अध्यक्षता भी गई और अब..

बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश भाजपा की कमान सम्राट चौधरी से लेकर डॉ. दिलीप जायसवाल को सौंप दी है। इस पर विपक्षी दल राजद को सम्राट चौधरी पर निशाना साधने का मौका मिल गया है।

Written By : रामनाथ राजेश | Updated on: November 5, 2024 8:15 pm

Rohini Acharya ने सम्राट चौधरी पर कसा तीखा तंज 

राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सम्राट चौधरी को बिहार बीजेपी के अध्यक्ष पर से हटाए जाने पर सबसे तीखा तंज कसा है। रोहिणी आचार्य ने दावा किया है कि सम्राट चौधरी से उपमुख्यमंत्री का पद भी छीन लिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि सम्राट चौधरी बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के साथ बिहार के उप मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री एवं अन्य कई विभागों के मंत्री हैं।

लोकसभा चुनाव के दौरान रोहिणी को लेकर सम्राट ने किया था व्यंग्य 

लोकसभा चुनाव के दौरान जब Rohini Acharya छपरा लोकसभा क्षेत्र से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं तो सम्राट चौधरी ने लालू यादव पर व्यंग्य किया था। सम्राट चौधरी ने कहा था कि लालू यादव ने सौदेबाजी में बेटी को भी नहीं छोड़ा, किडनी लेने के बाद बेटी को टिकट दिया।

सोशल मीडिया X पर रोहिणी ने कही ये बात 

आज जब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने डॉ. जायसवाल को बिहार भाजपा का अध्यक्ष बनाए जाने का पत्र जारी किया तो Rohini Acharya को मौका मिल गया। सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर रोहिणी आचार्य ने लिखा है- सिर भी मुंडवाना पड़ा, पगड़ी भी उतारनी पड़ी , अब अध्यक्षता भी गई। अब हेकड़ी, लम्पटई, बदजुबानी, बड़बोलेपन का बचा-खुचा भूत भी उतर जाएगा , जब जल्द ही मंत्रिपद भी छिन जाएगा। रोहिणी ने लिखा है कि पाक- पावन रिश्तों पर ओछी टिप्पणी करने वालों, बुजुर्गों के प्रति बदनियती रखने वालों के साथ बुरा ही होता है, परमपिता परमेश्वर सब देखता है।

इस वजह से गंवानी पड़ी सम्राट चौधरी को कुर्सी

लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के बाद से ही ये तय माना जा रहा था कि सम्राट चौधरी के हाथ से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी जाएगी। इसका कारण यह है कि चौधरी अपनी जाति कोइरी-कुर्मी का वोट भी लोकसभा चुनाव में भाजपा को नहीं दिलवा सके थे। इस वजह से बीजेपी को बिहार में मात्र 12 सीटों पर संतोष करना पड़ा। अगले ही साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए बीजेपी को हर हाल में अपने संगठन को चुस्त-दुरुस्त करना था। इसके लिए सम्राट चौधरी का अध्यक्ष पद से हटाया जाना तय माना जा रहा था।था।

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