पीए और नौकर के घर मिले थे 35 करोड़, झारखंड में एक और मंत्री पर लटकी जेल की तलवार !

लोकसभा चुनाव के बीच या झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand assembly elections)से पहले झारखंड के एक और मंत्री जेल जा सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Former Chief Minister Hemant Soren)के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन सरकार (Champai Soren government) के एक और मंत्री पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।

ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम और पीए व नौकर के घर से मिली नोटों की गड्डियां
Written By : संतोष कुमार | Updated on: May 15, 2024 7:28 am

आलमगीर आलम से  ईडी ने की  9 घंटे तक पूछताछ 

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। आलमगीर आलम से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) यानी ED की टीम धन शोधन यानी  मनी लाउंड्रिंग (money Laundering) के मामले में पूछताछ कर रही है। ED के पहले समन पर ही आलमगीर आलम रांची में ED के दफ्तर पूछताछ में शामिल होने के लिए पहुंचे. ED ने मंगलवार को झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम से 9 घंटे तक पूछताछ की।

क्यों लटकी है आलमगीर आलम पर गिरफ्तारी की तलवार ?

कुछ दिन पहले ED की टीम ने मंत्री आलमगीर आमल के आप्त सचिव संजीव लाल और संजीव लाल के घरेलू नौकर जहांगीर के यहां से छापेमारी कर करीब 35 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे. मंत्री के पीए संजीव लाल और उनके घरेलू नौकर जहांगीर के यहां मिले करोड़ों के नोट देखकर ED के होश उड़ गए. ED को पैसे गिनने के लिए बैंक से नोट गिनने वाली मशीन को मंगाना पड़ा. मंत्री के पीए और उनके नौकर के यहां इतनी बड़ी रकम मिलने से शक की सूई मंत्री आलमगीर आलम की ओर भी गई, जिसके बाद ED ने ग्रामीण विकास विभाग (Rural Development Department) के मंत्री आलमगीर आलम से पूछताछ शुरू की है. आलमगीर आलम ने कहा कि मुझसे जो भी सवाल पूछे गए मैंने उनका जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे देश के कानून पर विश्वास है और मैं उसका पालन करता हूं।

ग्रामीण विकास विभाग में चलता था वसूली का खेल !

मंत्री आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर के फ्लैट से मिले 35 करोड़ की राशि से यह बात खुलकर सामने आई है कि विभाग में जमकर वसूली का खेल चलता था। इससे पहले ये भी खुलासा हुआ था कि ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में टेंडर मैनेज करने से लेकर भुगतान में कमीशन की वसूली होती थी। वसूली का बड़ा हिस्सा अफसरों और राजनेताओं तक पहुंचता था। ED सूत्रों के मुताबिक मंत्री आलमगीर आलम का पीए संजीव कुमार लाल ही कमीशन वसूलता था और इसको मैनेज करता था। हालांकि, मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि उनका निजी सहायक संजीव लाल उनसे पहले भी दो मंत्रियों का निजी सहायक (PA) रह चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *