सरकार के आधिकारिक प्रेस नोट (PIB) के अनुसार, रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएँ जैसे आटा, पनीर, दूध और पराठा को या तो शून्य (0%) या 5% स्लैब में लाया गया है। जीवनरक्षक दवाओं और कई मेडिकल उपकरणों पर भी जीएसटी घटाकर 5% या शून्य कर दिया गया है। इससे स्वास्थ्य खर्च में कमी की उम्मीद जताई जा रही है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरण भी इस सुधार से सस्ते हुए हैं। टीवी, एसी, रेफ्रीजरेटर और डिशवॉशर पर अब 28% की जगह 18% जीएसटी लगेगा। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, टीवी मॉडल्स की कीमतों में ₹2,500 से लेकर ₹85,000 तक की कटौती हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नई दरों से त्योहारी सीज़न में उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिलेगा।
ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी असर पड़ा है। आज तक की खबर के अनुसार, छोटी पेट्रोल और डीज़ल कारों के साथ ही दोपहिया वाहनों पर अब 18% जीएसटी लगेगा, जिससे मारुति, टाटा, हीरो, बजाज जैसी कंपनियों के उत्पादों की कीमतें कम होंगी। इससे मध्यम वर्गीय खरीदारों को राहत मिलेगी और त्योहारों के समय बिक्री में तेजी आने की संभावना है।
हालाँकि, सभी वस्तुओं पर राहत नहीं मिली है। सरकार ने विलासिता की वस्तुओं और “सिन गुड्स” पर 40% कर लगाया है, जिससे उनकी कीमतें और बढ़ेंगी। रिपोर्ट बताती है कि शराब, सिगरेट और प्रीमियम लग्ज़री आइटम्स अब पहले से महंगे हो जाएंगे।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस सुधार से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि महंगाई पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा। वहीं, सरकार इसे कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बता रही है। कुल मिलाकर, जीएसटी कटौती ने आम उपभोक्ता को सस्ते सामान का तोहफ़ा दिया है और त्योहारी सीज़न से ठीक पहले बाज़ार में नई रौनक लाने की तैयारी कर दी है।
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