Bangladesh में तख्तापलट, देश छोड़ने पर मजबूर पीएम शेख हसीना भारत पहुंचीं

बांग्लादेश में सेना ने तख्तापलट कर दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) इस्तीफा देकर सेना के आदेश पर देश छोड़ना पड़ा है। हसीना वहां से सेना के विमान से दिल्ली के करीब हिंडन एयरबेस पर पहुंची। समाचार लिखे जाने तक वे वहां के गेस्ट हाउस में ठहरी थीं और लंदन जाने की तैयारी में हैं।

Written By : सुनील कुमार साहू | Updated on: August 6, 2024 12:45 am

Bangladesh बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद वहां की सेना ने तख्तापलट कर सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले ली है। शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने देश में चल रहे उथल-पुथल के बीच इस्तीफा दे दिया है और वो सैन्य विमान  (Military Aircraft) से देश छोड़कर भारत भाग आई हैं। आर्मी चीफ वकार उर जमान ( Waker ul Zaman) के मुताबिक देश में जल्द ही आर्मी की अध्यक्षता मे अंतरिम सरकार (Interim Govt) का गठन होगा जो देश के हालात पर विस्तृत चर्चा करेंगी।

 यह है मामला

बांग्लादेश (Bangladesh) को आज़ाद हुए करीब 53 वर्ष हो चुके हैं। तब उस समय की सरकर ने देश के अलग-अलग वर्गों को आरक्षण देना शुरू किया जिसमें स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को  30%,  पिछड़े जिलों के लिए 40%, सामान्य छात्रों को 20% आरक्षण दिया गया था।  लेकिन कुछ समय बाद स्वतंत्रता सेनानियों की सीटें खाली रहने लगी और फायदा सामान्य छात्रों ने उठाया पर वर्ष 2009 में सरकार ने फिर से यू टर्न लिया, और इस बार आरक्षण (Reservation) स्वतंत्रता  सेनानियों के पोते-पोतियों को देना चाहा, जिसमें इन्होंने  विकलांग छात्रों के लिए भी एक परसेंट(1%) आरक्षण जोड़ दिया जिससे यह कुल मिलाकर 56 परसेंट (56%) हो गया और सामान्य वर्ग 44% पर ही रह गया। इस मुद्दे को लेकर बंग्लादेश युवाओं में बहुत गुस्सा था और वे अंदर ही अंदर उबल रहे थे।

हाई कोर्ट का फैसला

जैसे-जैसे यह चिंगारी ठंडी होती जा रही थी वैसे-वैसे लोग सामान्य जीवन की ओर लौटने लगे और आपस में खुशी से रहने लगे, पर इसी साल 5 जून 2024 को ढाका हाई कोर्ट  (Dhaka High Court) ने पुराना कोटा सिस्टम फिर से लाने का फैसला किया और इस फैसले ने सामान्य वर्ग के लोगों की नाराजगी और बढ़ा दिया। इससे नाराज सामान्य वर्ग के लोग  प्रदर्शन करने लगे। लेकिन कब यह प्रदर्शन हिंसाग्रस्त हो गया  किसी को पता नहीं चला और करीब 1 महीने से पूरे बांग्लादेश में आगजनी, तोड़फोड़ की घटनाएं हो रही है।

कितने लोग मारे गए

जब से यह फैसला आया है यानी 5 जून 2024 से अब तक करीब 300 लोगों की मौत हो गई है और 400 लोग घायल है जिसमें ज्यादातर सामान्य वर्ग के छात्र हैं।

एक बयान ने छीन ली कुर्सी

पिछले 2 महीने से चला यह प्रदर्शन धीरे-धीरे अपने अंत की ओर बढ़ रहा था लेकिन तभी PM शेख हसीना(Sheikh Hasina) द्वारा दिया गया एक बयान इसमें वह कहती है कि ” आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के पोते पोतियो को नहीं, तो क्या रजाकारो के पोते पोतियो को दिया जाएगा “। इससे यह प्रदर्शन और उग्र होता चला गया और आज पूरे देश में अव्यवस्था फैली हुई है। फिलहाल भारत-बांग्लादेश की सीमा पर भारत की ओर से चौकसी बढ़ा दी गई है। भारत सरकार बांग्लादेश के हालात पर बारीकी से नजर रखे हुए है।

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