आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने प्रशांत किशोर की आलोचना करते हुए कहा कि जनता द्वारा चुने गए नेताओं की पढ़ाई-लिखाई पर सवाल उठाना ठीक नहीं है।
आरसीपी सिंह ने मीडिया से क्या कहा
आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “किसी भी नेता की योग्यता पर इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए। चाहे वह प्रधानमंत्री हो या मुख्यमंत्री, जनता ने उन्हें चुना है और उनका काम जनता की सेवा करना है। राजनीति में व्यक्ति की पढ़ाई से ज्यादा ज़रूरी है कि वो जनता की कितनी सेवा करता है और उनके लिए कितना समर्पित है।”
पूर्व आईएएस(IAS) अधिकारी आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने कहा कि किसी की शैक्षणिक योग्यता को उसकी राजनीतिक क्षमता का पैमाना नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर कोई पीएचडी धारक है लेकिन जनता से जुड़ा हुआ नहीं है, तो क्या वो एक अच्छा नेता माना जाएगा ? असली कसौटी जनता के प्रति समर्पण है।”
प्रशांत किशोर, जो बिहार में अपनी पदयात्रा के दौरान लालू यादव और उनके परिवार पर कई बार निशाना साधते रहे हैं, ने तेजस्वी यादव की पढ़ाई का मजाक उड़ाते हुए उन्हें ‘नौवीं फेल’ कहा था। किशोर ने तेजस्वी (Tejashwi Yadav) को जीडीपी(GDP) की गणना समझाने की चुनौती भी दी थी।
आरसीपी सिंह के इस बयान के बाद हलचल मच गई है
आरसीपी सिंह (RCP Singh) के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। सिंह का यह बयान तेजस्वी यादव के समर्थन में आने की वजह से और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि कभी आरसीपी सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता था। हालांकि, जेडीयू(JDU) से अलग होने के बाद उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली थी।
राजनीतिक सिद्धांत क्या कहते हैं
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आरसीपी सिंह(RCP Singh) के इस बयान से बिहार की राजनीति में कुछ बदलाव हो सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर प्रशांत किशोर और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।
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