Chhattisgarh Election : नक्सलियों की लाश पर सियासत की रोटी सेंकने की कवायद हुई तेज

लोकसभा चुनाव के बीच छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों की नक्सलियों के साथ हुई अबतक की सबसे बड़ी मुठभेड़ में 29 नक्सलियों के मारे जाने के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। कांग्रेस नक्सलियों को शहीद बताकर वोट बटोरने की कवायद में जुटी है।

Written By : | Updated on: April 19, 2024 7:58 am

नई दिल्ली : कांकेर जिले में हुई मुठभेड़ में जवानों ने नक्सलियों के टॉप कमांडर और 25 लाख रुपये के इनामी शंकर राव समेत 29 नक्सलियों को मार गिराया है. मारे गए 29 वर्दी धारी नक्सलियों में 15 महिला नक्सली शामिल हैं। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से जवानों को नक्सलियों के अत्याधुनिक हथियारों के साथ भारी मात्रा में विस्फोटक मिला है। सत्ताधारी बीजेपी प्रदेश में अमन बहाली के लिए इसे सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी बता रही है और अगले तीन साल में नक्सलियों के सफाए की बात कह रही है जबकि कांग्रेस इस मुठभेड़ को फर्जी बताकर आदिवासी क्षेत्रों का वोट हथियाने के लिए सुरक्षाबलों की कार्रवाई पर ही सवाल उठा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी पर साधा निशाना 

कवर्धा में कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों से मुठभेड़ के मामले में अपनी प्रतक्रिया में बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने पांच सालों में नक्सलियों पर प्रभावी कार्रवाई की है. लेकिन भाजपा के शासन आते ही पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के मामले बढ़े हैं. भाजपा फर्जी एनकाउंटर कराती है, और आदिवासियों को परेशान करती है. गलत तरीके से झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी जाती है. गिरफ्तारियां की जाती हैं. बस्तर और कांकेर जैसे क्षेत्र में ये चल रहा है.’

पहले जब मुख्यमंत्री थे तो दिया था ये बयान 

ये वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने पिछले वर्ष 26 अप्रैल को दंतेवाड़ा में डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड(डीआरजी) पर हुए नक्सली हमले के बाद मुख्यमंत्री के रूप में कहा था ‘’जो जवान शहीद हुए हैं उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। यह लड़ाई अंतिम दौर में चल रही है और नक्सलियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। हम योजनाबद्ध तरीके से नक्सलवाद को खत्म करेंगे.’ उनते सुर आज बदले हुए हैं। उस हमले में 10 जवान और एक ड्राइवर की मौत हो गई थी। अब पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नक्सल समस्या को गग खत्म करने की बात पर भूपेश बघेल ने सवाल उठाया कि इससे पहले भी 2014 से 2018 तक डबल इंजन की सरकार थी, क्यों खत्म नहीं हुई समस्या? हम गोली का जवाब गोली से नहीं देते हैं. भाजपा वाले गोली का जवाब गोली से देते हैं, जो आज भी चल रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नक्सल क्षेत्र में विकास की बात करती है, काम भी किया है.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 3 साल में नक्सलवाद को खत्म कर देने का किया ऐलान 

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ जो ऑपरेशन किया गया है उसको लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया है.जवानों की सफलता पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवानों को बधाई दी है. अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ से अगले तीन साल में नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा कर देंगे.

अब तक नक्सली ही पड़ते थे सुरक्षा बलों पर भारी 

उल्लेखनीय है कि इसी साल 30 जनवरी को छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर जिले की सीमा से लगे टेकलगुड़ेम गांव में सीआरपीएफ कैंप नक्सली हमला हुआ था जिसमें सीआरपीएफ के 3 जवान शहीद हो गए थे औ 15 घायल हुए थे. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में छह अप्रैल को छत्तीसगढ़ नक्सल समस्या के कारण तब सुर्खियों में आया था जब करीब 1000 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के150 जवानों को घेर लिया था और उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी जिसमें 76 जवान मारे गए थे.उसके बाद वर्ष 2013 में 25 मई तो नक्सलियों ने कांग्रेस के नेताओं सहित 32 लोगों की हत्या कर दी थी।उसके बाद 24 अप्रैल 2017 को नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हुए थे।21 मार्च 2020 को सुकमा के चिंता गुफा में हुए नक्सली हमले में 17 जवानों की मौत हो गई थी। इसी तरह बीजापुर में 4 अप्रैल को हुए हमले में 22 जवान शहीद हुए थे और 31 जवान घायल हुए थे।

3700 से अधिक नक्सली वारदातें, कांग्रेस बता रही नक्सलियों को शहीद  

एक आंकड़े के अनुसार, वर्ष 2011 से लेकर 2020 तक 10 सालों में छत्तीसगढ़ में 3,722 नक्सली घटनाएं हुई हैं. इनमें 736 आम नागरिकों की जान गई और 489 जवान शहीद हुए हैं.
इन आंकड़ों के बावजूद, छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए हैं तो इसका स्वागत है और जवानों को बधाई…लेकिन मुठभेड़ की सत्यता की जांच होनी चाहिए. दीपक बैज के बयान पर सियासत ने जोर पकड़ा था ही कि कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के एक बयान ने सत्ताधारी पार्टी को कांग्रेस पर हमला करने का बड़ा मौका दे दिया. सुप्रिया श्रीनेत ने नक्सलियों को शहीद बता दिया, जिसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला और कांग्रेस प्रवक्ता के बयान को लोकतंत्र पर प्रहार के साथ जवानों के मनोबल पर प्रहार करार दिया.

गत तीन माह में 50 से अधिक नक्सली मारे गए, 200 से अधिक गिरफ्तार 

नक्सलियों का भी मानना है की तीन महीने पुरानी बीजेपी की नई सरकार में छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन को बड़ा नुकसान हुआ. कांकेर मुठभेड़ में 29 नक्सलियों की मौत की बात को छोड़ कर महज तीन महीने में 50 से ज्यादा नक्सली अगल- अलग मुठभेड़ों में मारे गए और 200 से ज्यादा नक्सली गिरफ्तार हुए हैं. बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है.नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर इस बात की खुद तस्दीक की है.वहीं राजनांदगांव में चुनावी सभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा कि तीन महीने की विष्णुदेव साय की सरकार में नक्सली बैकफुट पर हैं. उन्होंने पिछली भूपेश बघेल सरकार पर नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप भी लगाया. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ यह अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई है जिसमें बीएसएफ जवानों के साथ छत्तीसगढ़ की स्थानीय पुलिस का अहम रोल रहा. पूरी रणनीति के साथ कांकेर के छोटेबेठिया इलाके में मुठभेड़ को अंजाम दिया गया।

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