Election Result: BJP बहुमत से दूर पर पीएम तो नरेंद्र मोदी ही

सभी एक्जिट पोल ध्‍वस्‍त हो गए। एनडीए सरकार बनाने की स्थिति में तो जरूर है लेकिन भाजपा के चार सौ के पार करने की कौन कहे वह अकेले दम पर बहुमत भी नहीं पा सकी है। उसे सबसे अधिक धोखा उत्‍तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) से मिला। यहां वह अपने पुराने प्रदर्शन से भी बहुत नीचे रही।

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हैं चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार
Written By : रामधनी द्विवेदी | Updated on: June 4, 2024 5:32 pm

इसी तरह राजस्‍थान  (Rajasthan)  और महाराष्‍ट्र ( Maharashtra) में भी उसे नुकसान झेलना पड़ा। बंगाल में भी वह अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाई। इस चुनाव में सपा और कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया, हालांकि वह भी सरकार बनाने के दावे तक नहीं पहुंच पाई।

सहयोगियों पर निर्भरता बढ़ेगी

सरकार तो NDA की बनेगी। नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) ही प्रधानमंत्री होंगे। नेहरू( Jawahar Lal Nehru)  के बाद लगातार तीसरी बार पीएम बनने वाले वह पहले व्‍यक्ति होंगे लेकिन वह जो बड़े निर्णय करने का संदेश दे रहे थे, वैसा अब नहीं कर पाएंगे। अब उन्‍हें बहुत सोच समझ कर निर्णय लेने होंगे। इस बार उनकी सरकार उतनी मजबूत नहीं होगी जितनी वह अपेक्षा कर रहे थे। अब उन्‍हें पूरी तरह अपने दो सहयोगियों पर निर्भर होना होगा। ये सहयोगी हैं जदयू के नीतीश कुमार ( Nitish Kumar)  और टीडीपी के चंद्र बाबू नायडू। ( Chandra Babu Naidu )

क्‍या नीतीश केंद्र में आएंगे

नीतीश कुमार कल दिल्‍ली में थे। उन्‍होंने पीएम से मुलाकात की और गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah) से भी फोन पर बात की। जाहिर है दोनों से उनकी बात भावी सरकार के स्‍वरूप पर ही हुई होगी। उनकी पार्टी 14 सीटें पाकर अच्‍छा मोल-भाव करने की स्थिति में है। यह भी चर्चा तेज हुई कि नीतीश को उप प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्‍ताव मिल सकता है। लेकिन सवाल यह है कि क्‍या वह बिहार की राजनीति छोड़ना चाहेंगे। यही स्थिति चंद्रबाबू नायडू की भी है। उनके पास तो दो सदस्‍य अधिक हैं। चुनाव परिणाम आते ही मोदी ने उन्‍हें फोन किया। जाहिर है उन्‍हें बधाई दी होगी और केंद्र में मिल कर मजबूत सरकार बनाने की बात कही होगी।

विपक्ष ने भी फेंका चारा

चूंकि भाजपा अकेले बहुमत से बहुत दूर है। इसलिए सभी पार्टियों को लेकर चलना उसकी मजबूरी है। अब तो हर छोटी बड़ी पार्टी का या यूं कहें एक-एक सांसद को साथ लेकर चलना उसकी मजबूरी होगी। इस तरह कह सकते हैं कि इस बार वह मजबूत नहीं मजबूर सरकार बनाएगी। बहुमत से सिर्फ 25- 30 सदस्‍य ही अधिक हैं एनडीए के पास। विपक्ष इस बात को अच्‍छी तरह जानता है। और इसी से उसने भी चारा फेंकना शुरू कर दिया है। नीतीश और चंद्रबाबू नायडू से संपर्क की बातें भी सामने आई हैं। हालांकि इंडिया गठबंधन के नेता इस बात को भी  जानते हैं कि वह इतनी आसानी से तोड़-फोड़ नहीं कर सकेंगे। यदि कर भी लेते हैं तो पीएम का चुनाव भी इतना आसान नहीं होगा।

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