केजरीवाल का आरएसएस प्रमुख को पत्र, भाजपा पर वोट खरीदने के आरोप

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर भाजपा पर वोट खरीदने और मतदाता सूची से नाम हटाने के आरोप लगाए।

दिल्ली के पूर्व  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
Written By : MD TANZEEM EQBAL | Updated on: January 1, 2025 6:31 pm

नए साल की शुरुआत दिल्ली में राजनीतिक बयानबाजी और तीखे आरोप-प्रत्यारोप से हुई। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर बड़े आरोप लगाए।

केजरीवाल ने अपने पत्र में भाजपा पर चुनावी प्रक्रिया में धांधली करने और लोकतंत्र के मूल्यों को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या आरएसएस भाजपा नेताओं द्वारा वोट खरीदने के लिए पैसे बांटने और दलित एवं पूर्वांचली मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटने जैसे कार्यों को समर्थन देता है।

केजरीवाल के आरोप

अपने पत्र में केजरीवाल ने बीजेपी पर कई सवाल दागे। उन्होंने पूछा,

  1. क्या आरएसएस भाजपा नेताओं के इन कार्यों को सही ठहराता है?
  2. क्या वोट खरीदने और गरीब तबकों को चुनावी प्रक्रिया से बाहर करने की यह साजिश लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन नहीं है?
  3. भाजपा के कई नेताओं द्वारा खुलेआम पैसे बांटे जाने की घटनाओं पर आरएसएस की चुप्पी का क्या मतलब निकाला जाए?

केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली में पूर्वांचल और दलित समुदाय के मतदाताओं के नाम बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से हटाए गए हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया।

भाजपा का पलटवार

भाजपा ने केजरीवाल के आरोपों पर तीखा पलटवार किया। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल को झूठे आरोप लगाने के बजाय अपने कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार की नाकामियों को छुपाने के लिए बार-बार झूठे आरोप लगाते हैं। दिल्ली की यमुना नदी की स्थिति को सुधारने के बजाय वह जनता को गुमराह करने में लगे हैं।”

सचदेवा ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि उन्होंने दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी निवासियों को दस्तावेज और वित्तीय मदद देकर उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया।

चुनावी सरगर्मियां तेज

दिल्ली में फरवरी में 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं। इस राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है। जहां केजरीवाल भाजपा और आरएसएस पर निशाना साध रहे हैं, वहीं भाजपा उनके आरोपों को “राजनीतिक ड्रामा” करार दे रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह पत्र और इसके बाद हुआ बयानबाजी का दौर चुनावी रणनीति का हिस्सा है। दिल्ली की राजनीति में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं, और ऐसे आरोप मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं।

जनता इस राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को किस रूप में देखती है, यह आने वाले दिनों में साफ होगा। लेकिन यह तय है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तापमान और बढ़ेगा।

यह भी पढ़े:आतिशी बनाम एलजी: धार्मिक स्थलों को लेकरआरोप-प्रत्यारोप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *