Tirupati Laddu Case
आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति मंदिर के प्रसाद, लड्डू की पवित्रता और शुद्धता को लेकर राज्य की सत्ता पक्ष टीडीपी और विपक्षी पार्टी YSR Congress के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। बुधवार को सीएम चंद्रबाबू नायडू (Cm Chandrababu Naidu) ने विधानसभा में लैब रिपोर्ट पेश की और YSR कांग्रेस के नेताओं पर लोगों की आस्था से खिलवाड़ करने का आरोप लगातें हुए, उनके पिछले कार्यकाल में लड्डू में गौ-मांस और फिश ऑयल मिलाने का आरोप लगाया। तिरुपति मंदिर में पिछले 300 साल से रोज करीब 3. 50 लाख लड्डू प्रसाद के तौर पर बनकर तैयार होते हैं।
Tirupati Laddu Case के लैब रिपोर्ट में क्या सामने आया
रिपोर्ट में लड्ड में इस्तेमाल होने वाले घी मिलावट पाई गई है। इसके अलावा जांच करते हुए प्रसाद में फिश ऑयल, गौ-मांस की चर्बी और सूअर की चर्बी पाई गई है। यह चीज हिंदुओं की आस्था के खिलाफ है और लैब रिपोर्ट में इसके अलावा प्रसाद में सोयाबीन, सनफ्लावर, नारियल, कॉटन सीड, जैतून का तेल और अलसी पाया गया है जिन्हें लड्डू बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
Tirupati Laddu Case क्या है मामला
4 जून 2024 को राज्य में टीडीपी की सरकार आते ही सीएम चंद्रबाबू नायडू को एक शिकायत मिली थी कि तिरुपति मंदिर में प्रसाद के तौर पर बांटे जाने वाले लड्डू में मिलावट है। इसके बाद सरकार ने आईएएस अधिकारी जे शयमला राव को तिरुमला तिरुपति देव स्थानम का अधिकारी नियुक्त करते हुए लड्डू बनाने वाले घी की जांच का आदेश दिया। 17 जुलाई को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहां की लड्डू में फिश ऑयल और गौ-मांस की चर्बी की मात्रा है। इसके तुरंत बाद सरकार ने घी बेचने वाली कंपनी से अपना करार तोड़ दिया और मंदिर के लिए कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी खरीदना शुरू किया।
YSR कांग्रेस की ओर से बयान
वाईएसआर पार्टी के सांसद सुब्बा रेड्डी ने कहा कि – टीडीपी सरकार अपने गलत कृतियों को छुपाने के लिए उन पर आरोप लगा रही है। उन्होंने सीएम चंद्रबाबू नायडू को सबसे भ्रष्ट नेता बताया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले पर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में 25 सितंबर को सुनवाई होनी है।
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