Upendra Kushwaha ने दिखाए तेवर !
राज्यसभा सांसद औऱ RLM के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने राज्यसभा सांसद बनते ही NDA में अपनी धमक दिखाने की कोशिश शुरू कर दी है. बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे से पहले उन्होंने बड़ा बयान दिया है. उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कहा कि 2025 में बिहार विधानसभा में लोकसभा चुनाव वाला फॉर्मूला नहीं चलेगा. उपेंद्र कुशवाहा ने सहयोगी दलों को बताने का प्रयास किया है कि विधानसभा चुनाव में उनको कमजोर समझना ठीक नहीं होगा. वह सीटों की दावेदारी में पीछे नहीं रहेंगे.
विधानसभा चुनाव में मजबूत दावेदारी का दिया संकेत
राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव का फॉर्मला अलग-अलग होता है. लोकसभा का जो फॉर्मूला हुआ उससे थोड़ा नुकसान हुआ है. पुराने अनुभव के आधार पर आदमी आगे करेक्ट करता है, इसलिए करेक्शन करना होगा. कुशवाहा ने बयान के जरिए NDA के सहयोगी दलों को यह बताने का प्रयास किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनको कमजोर समझना ठीक नहीं होगा.
काराकाट से चुनाव हार गए थे Upendra Kushwaha
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा 2024 लोकसभा चुनाव एनडीए के साथ काराकाट से लड़े लेकिन हार गए. बीजेपी ने अब उन्हें राज्यसभा भेज दिया है. अब राज्यसभा सांसद बनने के बाद उपेंद्र कुशवाहा के तेवर बदले-बदले से दिख रहे हैं.
बिहार में कितने मजबूत हैं उपेंद्र कुशवाहा ?
उपेंद्र कुशवाहा बिहार के पुराने नेता हैं. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव को याद करें तो उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, मायावती की बहुजन समाज पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम, तीनों एक साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ी थी. आंकड़े में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि ओवैसी की पार्टी को 5 सीट मिली, लेकिन उनका वोट प्रतिशत सिर्फ 1.24% था. वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी भी एक सीट पर जीत हासिल की थी. इस पार्टी को 1.49% वोट मिले थे. हालांकि उपेंद्र कुशवाहा को एक भी सीट नहीं आई, लेकिन 1.77% वोट मिला जो बाकी दोनों सहयोगी पार्टियों से ज्यादा था.
ये भी पढ़ें:-प्रशांत किशोर के बाद Tejaswi Yadav की बिहार यात्रा…चुनाव से पहले कुनबा मजबूत करने की कोशिश