लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के बीच मायावती का बड़ा फैसला
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी और राष्ट्रीय समन्वयक के पद से अचानक हटा दिया । मायावती ने 29 साल के आकाश आनंद को पिछले साल ही पार्टी का राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर नियुक्त किया था । विदेश में पढ़े आकाश आनंद पार्टी के सबसे युवा चेहरा थे । भाषण कला में माहिर आकाश ने कुछ ही दिनों में पार्टी पर अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी ।
आकाश को अचानक क्यों हटाना पड़ा ?
अब बड़ा सवाल यह है कि चुनावी समर के बीच मायावती ने इतना बड़ा फैसला क्यों और कैसे लिया ? आकाश आनंद को बसपा के सभी पदों से हटाने के पीछे क्या सियासी कारण हैं ? आकाश आनंद ने जब से पार्टी में मोर्चा संभाला, तभी से वो लगातार आक्रामकता के साथ बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही समाजवादी पार्टी पर हमला कर रहे थे । बसपा की शांत राजनीति के विपरीत आकाश आक्रामक राजनीति कर रहे थे ।
बीजेपी के खिलाफ विवादित बयान से बढ़ाई परेशानी
चुनावी भाषण के दौरान बीजेपी के खिलाफ विवादित बयान से मायावती की परेशानी आकाश ने बढ़ा दी थी । टीवी मीडिया से दूर रहने वाली बीएसपी की छवि है, लेकिन आकाश चैनलों को इंटरव्यू देने लगे ,जो शायद मायवती को पंसद नहीं आया । बसपा का साइलेंट वोटर है । वो मायावती के एक इशारे पर बीएसपी के पक्ष में मतदान करता है । आकाश आनंद की आक्रमक छवि वाली राजनीति बीएसपी की राजनीति से मेल नहीं खाती है । मायावती ने ट्वीट कर आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाने की घोषणा कर दी।
जनता को ट्वीट करके दी जानकारी
मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा “विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है । जिसके लिए मान्यवर श्री कांशीराम जी व मैंने ख़ुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।
परिपक्वता आने तक जिम्मेदारियों से मुक्त
बसपा प्रमुख मायावती ने आगे लिखा इसी क्रम में पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम ज़िम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है । जबकि इनके पिता श्री आनंद कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी ज़िम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे । इसका निहितार्थत है कि कमान अब पूरी तरह से मायावती संभालेंगी ।