पुलिस के अनुसार Stampede में मरने वालों में 5 महिलाएं और दो पुरुष हैं जबकि मृतकों और घायलों की संख्या इससे अधिक बताई जा रही है।
इस तरह हुई दुर्घटना
मखदुमपुर के सिद्धेश्वर मंदिर की आसपास के इलाके में बहुत ख्याति है। सावन का महीना चल रहा है और हर सोमवार को यहां शिवलिंग पर जल चढ़ाने वालों की काफी भीड़ होती है। चौथी सोमवारी की सुबह 12 अगस्त को भी जलार्पण के लिए रविवार की देर रात से ही भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगी थी. तड़के भीड़ अधिक होने के कारण धक्का-मुक्की होने लगी। इसी बीच रेलिंग टूट गई और भगदड़ मच गई। लोग एक दूसरे पर गिरने लगे। इसी क्रम में पांच महिलाओं और दो पुरुष श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि 9 लोग घायल हैं। मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ भी सकती है।
बचाव कार्य में जुटा प्रशासन
जिले के एसपी सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों ने दुर्घटनास्थल पर पहुंच कर बचाव कार्य शुरू कर दिया है। सभी घायलों को जहानाबाद जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। मखदुमपुर पुलिस के एसएचओ ने इस भगदड़ में सात लोगों की मौत की पुष्टि की है। घायल लोगों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
विवाद के बाद हुई मारपीट और फिर मची भगदड़
बताया जाता है कि जल चढ़ाने के लिए भीड़ में पंक्तिबद्ध खड़े लोगों के बीच शरीर टकराने से धक्का-धुक्की हुई जो थोड़ी ही देर में वाद-विवाद में बदल गया और दो समूहों के बीच मारपीट की नौबत आ गई। इसी वजह से Stampede हो गई और इसने बड़े हादसे का रूप ले लिया और इतने श्रद्धालुओं की जान चली गई। धार्मिक आयोजनों में भगदड़ की वजह से जान जाना कोई नई बात नहीं है। अभी हाल ही में पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में करीब 150 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी, लेकिन प्रशासन ने इससे कोई सबक नहीं लिया और इतना बड़ा हादसा हो गया।
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