India China LAC Dispute
29 अक्टूबर तक भारत और चीन के सैनिकों द्वारा LAC से पीछे हटने के बाद शुक्रवार और मंगलवार को भारतीय सैनिकों की Demchok के बाद Depsang में भी गशत सफल रही। चीनी सैनिकों ने अभी देपसांग में पेट्रोलिंग शुरू की है। मंगलवार को हुई पेट्रोलिंग में भारतीय सेना के 10 से 15 जवान शामिल थे। इसके अलावा समझौते के मुताबिक, दोनों तरफ से यह तय किया गया है कि पेट्रोलिंग से पहले सैनिक एक दूसरे को जानकारी साझा करेंगे।
भारतीय – चीन के सैनिक किन-किन क्षेत्रों से हट चुके है
2022 में हुए समझौते के बाद दोनों देशों की सेनाएं दौलत बेग ओल्डी, गलवान, पैगान्ग और हॉट स्प्रिंग से पीछे हटी थी।
30 अक्टूबर को हुए समझौते में दोनों देशों की सेनाएं देपसांग और डेमचोक से पीछे हट चुकी है।
दोनों देश अब किन-किन पेट्रोलिंग पॉइंट पर गश्त के लिए जा सकेंगे
दोनों देशों के सैनिक अब गशत के लिए देपसांग के पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11-A, 12 और 13 तक जाने पर सहमति बन गई है। दोनों देश पेट्रोलिंग से एक दिन पहले एक दूसरे को जानकारी दे देंगे।
भारत और चीन के बीच समझौता किस प्रकार हुआ
15 जून 2020 से अब तक लगभग चार साल में दोनों देशों के बीच कमांडर लेवल की 17 बैठकें हो चुकी थी। इसी साल 29 अगस्त को भारत और चीन के बीच बीजिंग में सीमा मामले को लेकर बैठक हुई थी। इसके बाद इस समझौते पर आखिरी किल 23 अक्टूबर को लगी जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दो साल बाद मुलाकात हुई। इस बैठक के बाद एलएसी से दोनों सेनाएं पीछे हटना शुरू हो गई थी। शुक्रवार को भारतीय सैनिकों ने डेमचोक मेें भी पेट्रोलिंग की।
India China LAC Dispute के बीच समझौता किस चीज के लिए हुआ
वर्ष 2020 में कोरोना लॉकडाउन के कारण पूरी दुनिया घरों में कैद थी। भारत में भी मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक लॉकडाउन लगा हुआ था। इसी बीच 5 मई को चीनी सैनिकों ने लद्दाख के पैंगोंग झील से भारतीय सीमा में घुसपैठ कर दी। इसके बाद 15 जून को गलवान में दोनों तरफ के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई। इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए और चीन के करीब 45 सैनिक। उसके बाद दोनों देश एलएसी पर आमने-सामने आ गए, जिसके बाद से यह गतिरोध बना हुआ था। पिछले चार सालों में कई बैठकों के बाद यह समझौता हुआ है।
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